PM cares for children: Care of children orphaned by Covid-19
पीएम बच्चों की देखभाल करते हैं
भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने कई जिंदगियां छीन ली हैं। अस्पताल, ऑक्सीजन की लड़ाई में कई लोगों की जान जा चुकी है, जबकि वायरस ने किसी के पूरे परिवार को निगल लिया है ।
दूसरे लहर में हर दिन करीब 4 लाख मामले सामने आए और हर दिन 4,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। धीरे-धीरे दूसरा आंदोलन धीमा पड़ रहा है, लेकिन इस हरकत में कई बच्चे अपने माता-पिता पर भारी पड़ गए। ऐसे बच्चों की मदद के लिए भारत सरकार आगे आई है। कोरोना के कारण बेसहारा हुए बच्चों की मदद के लिए भारत के प्रधानमंत्री आगे आए हैं। उन्होंने बच्चों के लिए प्रधानमंत्री केयर नामक योजना शुरू की। इससे निशुल्क शिक्षा, उच्च शिक्षा ऋण आदि की व्यवस्था होगी।
पीएम बच्चों की योजना कैसे अप्लाई करे
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना की वजह से अब तक 3 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। उनमें से कई ऐसे हैं जिनके बच्चे छोड़ने के बाद अनाथ हो गए। इन बच्चों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल की दूसरी वर्षगांठ में इस योजना की घोषणा की है ।
प्रधानमंत्री मोदी का कहना है - कि जिन बच्चों ने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोया है, उन्हें प्रधानमंत्री केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत सरकार का समर्थन मिलेगा।
ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र में हर महीने छात्रवृत्ति दी जाएगी।
पीएम केयर फंड से 10 लाख रुपये जब वह 23 साल के हैं। उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये का बीमा कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा - बच्चे भारत के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनका समर्थन और रक्षा के लिए सब कुछ किया जाएगा । उन्होंने कहा, ' एक समाज के रूप में यह हर किसी का कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों का ख्याल रखे । आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बात का जिक्र किया था कि देश में कोरोना की वजह से 577 बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है।
प्रधानमंत्री का लक्ष्य बच्चों की देखभाल करना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री को ट्वीट कर बच्चों की योजना का ध्यान रखने की घोषणा की है। इस योजना से उन बच्चों को सहायता मिलेगी जिन्हें इस महामारी के कारण अपने माता-पिता/माता-पिता का समर्थन करने की अनुमति नहीं है । माता-पिता खो जाते हैं । ऐसी स्थिति में सरकार ने कठिन परिस्थितियों में उन्हें सहयोग देने और अनाथों को आगे ले जाने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की है। बच्चों की प्रधानमंत्री की देख रेख में अनाथ बच्चे सरकार की मदद से अपना जीवन यापन और आगे की पढ़ाई कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री का लाभ - बच्चों की योजना का रख रखाव
बच्चों के नाम फिक्स्ड डिपॉजिट
प्रधानमंत्री बच्चों की देख रेख में प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये जमा होने के साथ फंड बनाया जाएगा। इसके माध्यम से सरकार हर महीने 18 वर्ष की आयु तक निश्चित सहायता प्रदान करेगी। राशि का भुगतान 23 वर्ष की आयु पूरी होने के समय तक किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा
10 वर्ष की आयु के बच्चों को नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में दाखिला दिया जाएगा। अगर बच्चे को निजी स्कूल में प्रवेश दिया जाता है तो आरटी नियमों के अनुसार पीएम केयर फंड से पैसे दिए जाएंगे। स्कूल पोशाक, किताबें, नोटबुक आदि पर होने वाले खर्च का भुगतान सरकार करेगी।
उच्च शिक्षा में मदद के लिए सरकार मदद करेगी
भारत में प्रोफेशनल कोर्सेज या हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन नॉर्म्स देगी, जिसमें सरकार प्रधानमंत्री राहत कोष से ब्याज लेगी। विकल्प के तौर पर सरकार की योजना के तहत केंद्र या राज्य सरकारों को ग्रेजुएशन या प्रोफेशनल कोर्स के लिए कोर्स फीस के बराबर स्कॉलरशिप दी जाएगी। जो बच्चे छात्रवृत्ति के लिए पात्र नहीं होंगे, उन्हें पीएम केयर से ही स्कॉलरशिप मिलेगी।
स्वास्थ्य बीमा लाभ
सभी अनाथ बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी माना जाएगा और उन्हें 5 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा। 18 साल की उम्र तक ऐसे बच्चों को पीएम केयर से प्रीमियम पेमेंट मिल जाएगा।
राज्यों ने भी शुरू की अनाथों के लिए योजनाएं
राज्य सरकारें अनाथों की मदद के लिए केंद्र सरकार के सामने आगे आई हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली आदि के मुख्यमंत्री शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना -
राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के कारण अनाथ बच्चों के लिए बाल सेवा योजना शुरू की है। योजना के तहत 555 बच्चों को चिह्नित किया गया है। बाल सेवा योजना के तहत शिक्षा और विवाह का खर्च सरकार वहन करेगी। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सरकार लैपटॉप और टैबलेट देगी, जिसकी राशि 10 हजार रुपये है। अनाथ लड़कियों की शादी के लिए सरकार 1 लाख 10 लाख रुपए देगी।
मध्यप्रदेश कोविद बाल कल्याण योजना
मध्यप्रदेश सरकार ने अनाथों के लिए MP COVID BAL KALYAN YOJANA की है। 325 बच्चों की पहचान की गई। इस योजना के तहत राज्य सरकार 5 हजार प्रतिमाह पेंशन, माह के लिए मुफ्त राशन, 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा, कॉलेज शिक्षा का सारा खर्च देगी।
हरियाणा और कर्नाटक सरकारों ने भी किया ऐलान
हरियाणा और कर्नाटक की सरकारें भी अनाथों के समर्थन में आगे आई हैं। जिसमें आर्थिक लाभ और शिक्षा का पूरा खर्च सरकार द्वारा दिया जाएगा।
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