Aug 3, 2021

डर क्या है डर एक ऐसी चीज है जो वास्तविकता में होती हे या नहीं

 

डर क्या है डर एक ऐसी चीज है जो वास्तविकता में होती हें या नहीं


 

जो सिर्फ हमारे विचारों में होती है दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं पहले वो जिन्होंने अपने डर को जीत लिया है जो अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से जीते हैं और दूसरे वो जो डर में जी रहे हैं जो अपनी जिंदगी अपनी इच्छा से ही जी ही नहीं पाते हमेशा डर में ही जीते है जो करना चाहते हैं

 

वह कर ही नहीं पाते उनका डर उनको हर काम से रोक देता है जिसने अपने दार को जीत लिया है वही इंसान अपने सपनों को पूरा कर सकता है जो अपने डर के आगे हार जाता है वो जिन्दगी की हर लड़ाई लड़ने से पहले ही हार जाता है दर आपके सारे सपनों को खत्म कर देता है 

 

आपकी जिंदगी की हर खुशी को खत्म कर देता है दार की वजह से लोग अपनी पसंद की जिंदगी नहीं जी पाते करना चाहते हैं जो करना चाहते है वो कर ही नही पाते डर की वजह से लोग अपने पसंद की जिंदगी नहीं जी पाते जो करना चाहते हैं वह कर नहीं पाते जो इंसान डरपोक होता है 

 

वह चाहे कितनी भी मेहनत कर ले लेकिन वह सफल नहीं हो पाता क्योंकि उसका डर उससे बार-बार रोकता है यह कहना बिल्कुल गलत है कि किस्मत साथ नहीं देती कि मौका नहीं मिलता की परिस्थितियां गलत है ऐसा सिर्फ इसलिए होता है 

 

क्योंकि आप डर में जीते हैं पूरी दुनिया में सिर्फ डर ही ऐसा है जो आपके सपनों को खत्म कर देता है डर आपके अंदर की आवाज है जो आपसे बार-बार यही कहती है कि आप नहीं कर सकते य आप के बस की बात नहीं है और आप जितना उस आवाज की तरफ ध्यान देते हो वह इतना ही ज्यादा मजबूत हो जाती है उतना ही ज्यादा तेज हो जाती है 

 

हम जिंदगी में जब भी कुछ बड़ा करने की सोचते है तो वह डर की आवाज हमे कुछ करने ही नही देती लेकिन उस डर को आपको ही ख़तम करना होगा उस डर को खत्म करने के लिए आपको एक सही कदम उठाना होगा उस डर को खत्म करने के लिए आप वो ही करो जिसको करने से आपको डर लगता है 

 

सिर्फ यही एक चीज आपको आपके डर के  पार ले जाएगी हो सकता है कि आपको सफलता न मिले हो सकता है कि आप हार भी जाओ लेकिन इससे आपको  ये एहसास होगा कि आपका सबसे बड़ा डर क्या है इस डर से अगर आप बाहर आना चाहते हैं

 

तो चाहे जो हो जाए आप मन में यह बात ठान लो कि जब तक में इस डर से बाहर नहीं आ आऊंगा मैं हार नहीं मानूंगा मैं अपने डर को अपनी किस्मत का फैसला करने कभी नही दूंगा 

 

क्योंकि मैं अपने डर से बड़ा हूं और मेरे मन में अब डर के लिए कोई जगह नहीं है हम बचपन से ही डरते आ रहे हैं और वो डर अब हमारी मानसिकता बन चुकी है वो हमारा स्वभाव बन गया है 

 

लेकिन यह डर भी खत्म हो सकता है अगर आपको डर से छुटकारा पाना है तो आप ये देखो कि इस डर की वजह से आप क्या-क्या गवां रहे हैं 

 

इस डर की वजह से आपको अपनी कितनी इच्छाएं पीछे छोड़ने पडी है इस डर की वजह से आप अपनी जिंदगी कि कितनी खुशियों को जी नहीं पाए सिर्फ इसी डर की वजह से आप जिंदगी काट रहे हैं जी नहीं रहे हैं अगर आप जिंदगी में अपने सपनों को पूरा करना चाहते हो अपनी मंजिल को पाना चाहते हो अपनी खुशियों को जीना चाहते हो तो इस डर को हमेशा के लिए ख़त्म कर दो मन में यह विश्वास रखो की में जो चाहे वो कर सकता हु मुझे हारने का डर नही है 

 

अगर में जीता तो भी अच्छी बात है अगर में हारा तो भी मुझे कुछ सिखने को मिलेगा हर इन्सान के पास ऐसा कुछ न कुछ जरुर होता है जिसे करने से वो डरता है

 


लेकिन अगर आप वही काम करते रहेंगे जो आपको डराता है तो आप एक दिन डरसे जीत जायेंगे इस बात को आप ठीक से समझ लो डर सच नही है वो वो सिर्फ आपकी कल्पना मात्र है इस डर पर ध्यान न देकर अपनी मंजिल पर ध्यान दो आपको जो पाना है उस की तरफ ध्यान दो अपने लक्ष्य पर ध्यान दो  वास्तव में बहादुर आदमी वो नही जिसे डर नही लगता बलिक असल में बहादुर आदमी वो है जो डर से जीत जाता है 


आप जो कुछ भी पाना चाहते हैं वो डर के उस पार है

सिर्फ हारने का डर आपके सपनों को पूरा ही नहीं होने देता डर से जीतना चाहते हो तो सबसे पहले आपको अपने ऊपर विश्वास करना सीखो डर एक अंधकार है और आपके भीतर छुपी हुई शक्ति वह प्रकाश के रूप में है जिस दिन आपके भीतर विश्वास जाग जाएगा कि आप जो चाहे कर सकते हो जो चाहे पा सकते हो जेसी चाहे जिन्दगी जी सकते हो तो आप डर से जीत जाएंगे और जो इंसान डर से जीत गया उसे दुनिया में कोई नही हरा सकता जो इंसान अपने डर से जीत जाता है वह जिंदगी में कुछ जीत जाता है

 


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