Jul 12, 2022

हवाई जहाज में कौन से ईंधन का उपयोग किया जाता है ? hawai jahaj ka indhan which type of fuel is-used in an aeroplane जेट ईंधन (Jet Fuel) बायोकेरोसिन (Biokerosene)

नमस्कार दोस्तों, 



आप में से बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्होंने हवाई जहाज में सफर किया होगा और बहुत सारे ऐसे भी होंगे जिन्होंने हवाई जहाज में कभी सफल नहीं किया, लेकिन हवाई जहाज को देखना जरूर होगा लेकिन क्या आप सभी लोगों ने ये सोचा है या क्या इस बात पर ध्यान दिया है कि हवाई जहाज में कौन सा तेल या कौन सा इंधन डलता है? 


शायद ही सौ में से कोई एक या दो लोग ऐसे होंगे जिनको ये पता होगा कि हवाई जहाज में कौन सा तेल डालता है बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो ये बोलते है कि हवाई जहाज में भी पेट्रोल या डीजल तेल डलता होगा, 




लेकिन दोस्तों ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हवाई जहाज में कोई पेट्रोल या डीजल तेल नहीं डलता हवाई जहाज में एक विशेष प्रकार का तेल डाला जाता है जिसे जेट फ्यूल या जेट ईंधन कहा जाता है


 चलिए अब आपको बताते हैं कि जेट फ्यूल क्या है? जेट फ्यूल या जेट ईंधन एक विशेष प्रकार का ईंधन है जो पेट्रोल और डीजल से कई गुना महंगा होता है यह शुद्ध किरोसिन से बनता है यह रंगहीन दहनशील और बहुत ही सुंदर ईंधन होता है 


और यह भी दो प्रकार का होता है जेट और जेट ए वन जे टाइप का इंजन माइनस चालीस डिग्री सेल्सियस पर जमता है और जेट ए वन टाइप का इंजन माइनस सैंतालीस डिग्री सेल्सियस पर जमता है हवाई जहाज हमेशा धरती से आठ किलोमीटर से लेकर बारह किलोमीटर की उचाई पर उड़ते है यानी चौबीस हज़ार फुट से लेकर छत्तीस हज़ार फुट की ऊँचाई और इतनी ऊँचाई पर तापमान हमेशा माइनस में रहता है




 जिसकी वजह से कोई भी आम तेल बहुत जल्दी जम सकता है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार के हवाई जहाजों के लिए दो विशेष प्रकार के ईंधन तैयार किए जाते हैं ताकि वो न तो जम पाए और ना ही उनकी वजह से जहाज के किसी भी हिस्से में या जहाज के इंजन के किसी भी हिस्से में जंग लगे 


और ये दो विशेष प्रकार के फ्यूल या ईंधन है एविएशन टरबाइन फ्यूल या जेट फ्यूल और एविएशन फ्यूल 


ये दोनों ही ईंधन प्योर यानी शुद्ध किरोसिन से बनते हैं और इन्हीं को जेट फ्यूल या जेट ईंधन भी कहा जाता है और इसके बारे में हम आपको पहले ही बता चुके है




 कि इस तेल में शुद्ध किरोसिन का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए किया जाता है क्योंकि ये आसानी से जमता नहीं है क्योंकि इस ईंधन का जमने का तापमान माइनस चालीस डिग्री सेल्सियस से लेकर माइनस सैंतालीस डिग्री सेल्सियस तक होता है 


अगर कोई हवाई जहाज बहुत ज्यादा उंचाई पर भी उड़ रहा है और वहाँ का तापमान माइनस सैंतालीस डिग्री सेल्सियस तक भी है तो भी हवाई जहाज का तेल जम नहीं पाता 


और इस जेट ईंधन में केरोसिन के अलावा कुछ ऐसे टिप्स को भी मिलाया जाता है जैसे एंटी ऑक्सीडेंट्स ऐन्टी फ्रीज़ हाइड्रोकार्बन्स धातु निष्क्रिय करने वाले पदार्थ ताकि इस महंगे ईंधन की वजह से हवाई जहाज के इंजन के किसी भी हिस्से को  किसी भी हाल में जंग न लगे 




या कोई अन्य नुकसान न पहुंचे तो इतनी सारी बातों का ध्यान रखकर हवाई जहाज का इंधन विशेष एडिटिव्स को मिलाकर बनाया जाता है और इसीलिए यह पेट्रोल और डीजल से कई गुना महंगा भी होता है



 तो गाईस  आप लोगों को यह जानकारी पसंद आई होगी 

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